पाली। पाली के पोक्सो कोर्ट नंबर 2 के उस आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया जिसमे जिले की सोजत सिटी पुलिस थाना क्षेत्र की दलित वर्ग की महिला व उसकी नाबालिग पुत्री के साथ विशेष समुदाय के युवकों द्वारा गाली गलौज, मारपीट व छेड़छाड़ कर लज्जाभंग करने के बावजूद पुलिस द्वारा मामले को झूठा मानकर प्रकरण में एफ आर लगा दी गईं थी और इस एफ आर का पीड़िता द्वारा प्रोटेस्ट पिटीशन पेश कर विरोध करने के बावजूद भी जिले की पोक्सो कोर्ट नंबर 2 ने पुलिस कार्यवाही को सही मान पीड़िता की विरोध याचिका ख़ारिज कर मामला निस्तारित कर दिया, जिसके विरुद्ध पीड़िता ने अपने अधिवक्ता अरिहंत चौपड़ा, प्रवीण साहू, वीरेंद्र सिंह राजपुरोहित, कौशल शर्मा, कुलदीप सिंह चौहान आलावास के माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय में निगरानी याचिका प्रस्तुत की जिसे दोनों पक्षों की बहस सुन राजस्थान उच्च न्यायालय ने निगरानी याचिका स्वीकार करते हुए अपने आदेश में इस बात का उल्लेख किया की पाली के पोक्सो कोर्ट ने पीड़िता के धारा 164 सीआरपीसी के बयानों पर गौर न करके विधिक प्रावधानो को दरकिनार कर आदेश दिया है जो सिरे से ख़ारिज करते हुए प्रकरण में पुनः नवीनतम विधिक आदेश जारी करने के निर्देश के साथ प्रकरण की पत्रावली पोक्सो कोर्ट नंबर 2 पाली को भेजी गईं है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने पोक्सो कोर्ट का आदेश किया खारिज।
सोजत सिटी में दलित महिला और नाबालिग पुत्री से मारपीट, छेड़छाड़ और लज्जाभंग का मामला।
