लखनऊ। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने देश भर से 1 लाख 40 हजार 20 यात्रियों से वर्ष 2024 में मेट्रो टिकट के नाम पर ₹8500 (350 सऊदी रियाल) वसूले थे,
लेकिन हाजियों को यह सुविधा मिली ही नहीं नतीजतन उन्हें तपती गर्मी में 20 से 25 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। कुछ संपन्न यात्रियों ने निजी वाहनों की व्यवस्था की, लेकिन उसके लिए उन्हें 30000 से 35000 तक रूपये खर्च करने पड़े।
हज कमेटी के जिम्मेदारों ने यात्रियों से वादा किया था की अपने देश पहुंच जाने के बाद सबको मेट्रो का रिफंड देंगे ।
इसके बावजूद हज कमेटी ऑफ इंडिया और काउंसलेट जनरल ऑफ़ इंडिया जेद्दा ने न तो हाजियों से माफी मांगी, नहीं रिफंड देने की पहल की।
हाजियों का आरोप है कि हज कमेटी इस भारी रकम का ब्याज खा रही है । पिछले वर्ष भारत से 1.40 लाख 20 यात्रियों ने हज किया। प्रत्येक यात्री से मेट्रो सेवा के नाम पर ₹8500 रूपये वसूले गये। इन सभी से कुल 1 अरब 19 करोड़ 17 लाख रुपए वसूले गये। लेकिन बड़ी संख्या में हाजी इस सेवा का लाभ नहीं उठा सके, क्योंकि मेट्रो ट्रेन की सही व्यवस्था नहीं की गई थी। मेट्रो सेवा उपलब्ध न होने के कारण हाजियों को भीषण गर्मी में 20 से 25 किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा । यह स्थिति बुजुर्गों और महिलाओं के लिए और भी कठिन थी। जो हाजी पैदल यात्रा करने में असमर्थ थे उन्होंने निजी वाहनों का इंतजाम किया। लेकिन इसके लिए उन्हें 30000 से ₹35000 तक चुकाने पड़े। हाजियों का कहना है कि जब इस मुद्दे पर काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया जेद्दा और हज कमेटी ऑफ इंडिया से सवाल किया गया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हाजियों ने बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया से जब इस बारे में पूछा गया तो उसका जवाब था कि अभी इस मामले का पूरा हिसाब किताब नहीं हुआ है।