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पाली के बास्केटबॉल पुरोधा नज़र मोहम्मद उर्फ “चिड़िया बाबू” नही रहे, वो हस्ती जिन्होंने अपनी जिन्दगी बास्केटबॉल को समर्पित कर दी थी।

पाली। नजर मोहम्मद, जिन्हें खेल जगत में चिड़िया बाबू के नाम से जाना जाता है, बास्केटबॉल के प्रति अपने समर्पण और जुनून के लिए पाली ही नहीं, पूरे राजस्थान में एक मिसाल बन चुके हैं।

करीब 54 साल पहले, जब 16 वर्षीय चिड़िया बाबू ने स्कूली नेशनल बास्केटबॉल टीम में शामिल होने का सपना देखा, तो उनका चयन नहीं हुआ। लेकिन इस अस्वीकृति ने उनके अंदर ऐसा जुनून जगा दिया कि उन्होंने खुद को इस खेल को समर्पित कर दिया।

पाली को दिया बास्केटबॉल का नया चेहरा

अब तक चिड़िया बाबू की मेहनत और कोचिंग से पाली को 300 से अधिक स्टेट, 72 नेशनल और 4 अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मिले हैं। इनमें से कई खिलाड़ी आज सरकारी संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं — यह सब चिड़िया बाबू के प्रयासों का ही परिणाम है।

 

न कोई सरकारी दर्जा, न कोई वेतन

चिड़िया बाबू न तो सरकारी कोच थे, न ही पीटीआई। वे फल-सब्जी व्यवसाय से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने अपनी जेब से खर्च कर खिलाड़ियों को आगे बढ़ाया। बिना किसी सरकारी मदद के, वे 66 वर्ष की उम्र तक भी सुबह-शाम बांगड़ स्कूल मैदान में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते रहे।

प्रतियोगिताओं के आयोजन में भी अग्रणी

पाली में बास्केटबॉल को लोकप्रिय बनाने में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई। शैतान सिंह सोनीगरा, चंपालाल सिसोदिया और अनूप सिंह के साथ मिलकर उन्होंने दो नेशनल और सात स्टेट टूर्नामेंट सफलतापूर्वक आयोजित करवाए। इन आयोजनों की पूरी जिम्मेदारी चिड़िया बाबू के कंधों पर होती थी।

शार्गिदों ने देश-विदेश में किया पाली का नाम रोशन

चिड़िया बाबू के शिष्य नीरज कालर, हर्षवर्धन टॉक, हनुमान सिंह बेस और विनोद मेवाड़ा जैसे खिलाड़ी देश की ओर से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। नेशनल खेलने वाले 72 खिलाड़ियों में से 33 आज पीटीआई व कोच के पदों पर कार्यरत हैं।

एक सच्चे खेल सिपाही की विरासत

चिड़िया बाबू का जीवन यह दर्शाता है कि बिना किसी सरकारी सहयोग के भी केवल समर्पण, जुनून और सेवा भावना से किस तरह एक व्यक्ति किसी खेल के पूरे भविष्य को बदल सकता है।

आज बास्केटबॉल कोर्ट सुना कर गये बास्केटबॉल के जादूगर..

आज सवेरे लगभग 10 बजे पाली के बास्केटबॉल के जादूगर ने दुनियां को अलविदा कह दिया, वो अपने पिछे एक लड़की और तीन लड़को सहित भरापूरा परिवार छोड़ गये है।

नज़र मोहम्मद “चिड़िया बाबू ” RJ22 news अपनी खिराज ए अकिदत पेश करता है परवर दिगार उन्हें जन्नतुल फिरदौस मे आला मकाम अता करे.आमीन।

Jahid Gouri

Written by Jahid Gouri

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