पाली। ज़िले में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दी है। लंबे समय बाद जिले में दो नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसमें एक बुज़ुर्ग और एक युवक शामिल हैं। दुर्भाग्यवश, संक्रमित बुज़ुर्ग की उपचार के दौरान मौत हो गई है। इससे जिले में एक बार फिर चिंता का माहौल बन गया है।
पाली शहर के हैदर कॉलोनी और रामदेव रोड क्षेत्रों से इन मरीजों की पहचान हुई है। संक्रमित पाए गए बुज़ुर्ग की हालत गंभीर थी, जिन्हें उपचार हेतु पाली के बांगड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं, संक्रमित युवक को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है और उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
बांगड़ अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एच.एम. चौधरी ने दोनों मामलों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दोनों मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने संबंधित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सिफारिश की है।
जिला प्रशासन भी मामले को गंभीरता से लेते हुए हरकत में आ गया है। संबंधित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय कर दी गई हैं और संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में सेनेटाइजेशन, टेस्टिंग और स्क्रीनिंग का कार्य तेज़ी से चल रहा है।
सावधानी है ज़रूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की यह वापसी भले ही सीमित रूप में दिख रही हो, लेकिन इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, मास्क का प्रयोग करें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत जांच करवाएं।
पाली में कोरोना के नए मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। ज़रूरत है सतर्कता और सावधानी की, ताकि आगे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
राजस्थान में कोरोना से दूसरी मौत हो गई। पाली में 52 साल के व्यक्ति ने रविवार को दम तोड़ा। वहीं एक नर्सिंगकर्मी भी कोविड पॉजिटिव मिला। इसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
बांगड़ हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. एचएम चौधरी ने बताया कि 19 मई को 52 साल के व्यक्ति के बीमार होने पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।
करीब 1 सप्ताह इलाज चला, फिर जोधपुर रेफर किया गया। वहां भी उनका इलाज चला फिर वापस परिजनों ने उन्हें बांगड़ हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। इसके बाद कोरोना जांच के लिए 4 जून को सैंपल लिया। 5 जून को उनकी मौत हो गई। 6 जून को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स है, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।