पाली जिले के रोहट क्षेत्र के छोटे से गांव सोनाई लाखा के रहने वाले मुकेश पटेल ने NEET-2025 की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 21,148वीं रैंक हासिल की है। ओबीसी कैटेगरी में उनकी रैंक 9546 रही। यह सफलता उनके संघर्ष, समर्पण और पारिवारिक सहयोग की मिसाल है।
पिता की असमय मृत्यु, मां ने संभाली जिम्मेदारी
मुकेश के पिता मेहराराम पटेल की करीब 20 साल पहले एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उनकी मां हसबूदेवी ने खेती-बाड़ी कर बेटे की पढ़ाई का जिम्मा संभाला। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और बेटे को पढ़ा-लिखा कर इस मुकाम तक पहुँचाया।
चाचा और भाई से मिली प्रेरणा
मुकेश ने बताया कि उनके काका रघुनाथ पटेल, जो वर्तमान में पाली मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं, उनकी प्रेरणा रहे। इसी से उन्हें डॉक्टर बनने का सपना देखने की प्रेरणा मिली। उनके चचेरे भाई अशोक पटेल का भी वर्ष 2024 में MBBS में चयन हुआ था, जो फिलहाल मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है।
पढ़ाई का सफर और मेहनत
मुकेश ने 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई सोनाई लाखा गांव में की। इसके बाद 9वीं और 10वीं की पढ़ाई भाद्राजून स्थित सरस्वती विद्या मंदिर से की और 11वीं-12वीं जोधपुर के आकाश इंस्टीट्यूट से पूरी की। मुकेश रोजाना 7-8 घंटे पढ़ाई करता था और इसी नियमितता व अनुशासन ने उसे सफलता दिलाई।
न्यूरो फिजिशियन बनने का सपना
मुकेश का सपना एक न्यूरो फिजिशियन बनने का है। वह आगे चलकर इस दिशा में पढ़ाई जारी रखना चाहता है ताकि लोगों की सेवा कर सके और गांव तथा जिले का नाम रोशन कर सके।
पांच बहनों का इकलौता भाई
मुकेश पांच बहनों का इकलौता भाई है। उन्होंने बताया कि उनकी बहनों के नाम रेखा, ममता, मनीषा, धापू और वर्षा हैं। सभी की शादी हो चुकी है। परिवार के सहयोग, खासकर मां के संघर्ष ने ही इस सफलता की नींव रखी।
मुकेश की यह सफलता ना केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे पाली जिले के लिए भी प्रेरणास्पद है।