पाली। मातमी पर्व मोहर्रम जो हजरत ईमाम हुसैन कि शहादत को याद करते हुए मनाया जाता है।
हर साल कि तरह इस साल भी पाली मे पीठ के मोहर्रम की तैयारियाँ पूरे अदब और जोश-खरोश से चल रही हैं। मोहर्रम आयोजन की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में सभी कमेटी सदस्य पूरी लगन और परिश्रम से जुटे हुए हैं। पीठ का मोहर्रम न केवल पाली जिले का सबसे बड़ा मोहर्रम माना जाता है, बल्कि यह 36 कौम के लोगों की आस्था का भी केंद्र बना हुआ है।
लाइसेंसधारी हाजी उमर लोहार जोया अशरफी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष भी मोहर्रम का आयोजन भव्य तरीके से किया जाएगा। यहाँ की खास परंपरा के अनुसार लोग मोहर्रम के (ताजियों) के नीचे से निकलते हैं और मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाते हैं। यह प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही परंपरा का एक अहम हिस्सा है।
मोहर्रम की तैयारियों की अगुवाई रोजा व पीठ के मोहर्रम के सदर असलम खान सिंधी कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में कमेटी के अन्य सदस्य – अयान जोया, मोहसिन अली रंगरेज, आरिफ रंगरेज, शाहरुख भंडारी, हबीब अली हबीबी, मोहम्मद शहजाद रंगरेज, रमजान रंगरेज, नत्थू भाई मुझावर, समीर अली रंगरेज, मोहम्मद आरिफ अली रंगरेज, हाशिम पठान, अनवर गौरी, आजम अली, शाहरुख अली रंगरेज, फैजान तनवर, मोहम्मद रेहान, समद उर्फ बबलू, रिजवान मंसूरी, रफीक नागोरी, जाकिर नागोरी, अनवर नागोरी, दिलीप, मोहम्मद हुसैन जोया – पूरी निष्ठा से तैयारियों में जुटे हुए हैं।
स्थानीय नागरिकों में इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है, और क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में इस मोहर्रम में भागीदारी निभाने के लिए तत्पर हैं।