पालीl, राजस्थान: हर साल की तरह इस साल भी पीर ए तरीकत हज़रत ख्वाजा मोहम्मद असगर अली साहब नक्शबंदी का 34वां सालाना उर्स मुबारक बड़ी अकीदत, अदब और मोहब्बत के साथ मनाया गया। यह आयोजन पाली के चुड़िगर बाजार स्थित मस्जिद में संपन्न हुआ, जहां बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने शिरकत की।
कुरानख्वानी और लंगर-ए-आम का आयोजन:
दिन के कार्यक्रमों की शुरुआत कुरानख्वानी से हुई जिसमें लोगों ने हज़रत के लिए ईसाले सवाब की दुआएं की। इसके बाद लंगर-ए-आम का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में मोमिन भाईयों ने शरीक होकर बरकतें हासिल कीं।
रात का इमान अफरोज प्रोग्राम:
नमाज़-ए-इशा के बाद एक रूहानी महफ़िल का आयोजन किया गया जिसमें नातख्वानी और तकरीरें पेश की गईं। इस मौके पर स्थानीय उलेमा-ए-किराम और नातख्वानों ने अपनी पेशकश से महफ़िल को रोशन किया।
सैयद इरफान शाह बुखारी की ख़ास शिरकत:
कार्यक्रम में मेहमान-ए-ख़ास के तौर पर गुजरात के कच्छ से तशरीफ़ लाए सैयद इरफान शाह बुखारी साहब ने शिरकत की। उन्होंने अपनी इमान अफरोज और हिदायती तकरीर से मौजूद सैकड़ों जायरीनों को खिताब किया और हज़रत की शिक्षाओं पर अमल करने की तालीम दी।
कमेटी की भूमिका सराहनीय:
पूरे आयोजन को सफल और व्यवस्थित बनाने में उर्स कमेटी के सरपरस्त इकबाल भाई, सदर रिजवान भाई, सेक्रेटरी शेरू भाई खजांची रागिब भाई, मेंबर रज्जब अली, नजाकत अली अली रजा, सादिक अली, वसीम भाई, इमरान भाई व तमाम मेंबरान की भूमिका उल्लेखनीय रही। उन्होंने तमाम व्यवस्थाओं को बेहतर तरीके से संभालते हुए जायरीनों की खिदमत में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति:
प्रोग्राम में कई सामाजिक, धार्मिक और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने भी शिरकत की और हज़रत की याद में आयोजित इस आयोजन को ऐतिहासिक और रूहानी बताया।
यह उर्स ना केवल एक धार्मिक समारोह था बल्कि मोहब्बत, अमन और भाईचारे का संदेश देने वाला एक बड़ा सामाजिक आयोजन भी साबित हुआ।