पाली। ग्राम रामासिया के भोमिया राजपूत समाज व ग्रामवासियों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नगर विकास न्यास, पाली द्वारा की जा रही एकतरफा कार्रवाई के विरोध में ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने खसरा नंबर 129 के दक्षिण दिशा में बसे पुराने मकानों को तोड़ने की चेतावनी पर आपत्ति जताई है और इसे अन्यायपूर्ण बताया।
अवैध नहीं हैं मकान, सीमांकन में गड़बड़ी का आरोप
ग्रामवासियों का कहना है कि जिन भवनों को अतिक्रमण बताकर तोड़ने की बात कही जा रही है, वे खसरा नंबर 136, 129/1, 129/2 व 129/5 में स्थित हैं और यह भूमि आबादी क्षेत्र की है, न कि रास्ते की। दिनांक 12.05.2025 को नायब तहसीलदार की टीम द्वारा किए गए सीमांकन में भी कई तकनीकी त्रुटियां पाई गईं। मुड़ा संख्या 55 मौके पर नहीं मिला और मुड़ा संख्या 56 की स्थिति संदिग्ध बताई गई। ऑनलाइन नक्शे में भी कई आवश्यक बिंदु जैसे मुड़ा संख्या 13 और 16 नहीं मिले।
प्रभावशाली लोगों द्वारा रास्ते पर कब्जे का आरोप
गांववासियों ने नारायणसिंह, देवीसिंह, मनोहरसिंह और महेन्द्रसिंह पर खसरा नंबर 129 (गैर मुमकीन रास्ता) की 27 फुट चौड़ाई और 500 फुट लंबाई में अतिक्रमण कर रास्ता अवरुद्ध करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि इन लोगों का पट्टा संख्या 42 दिनांक 28.09.1962 को जारी हुआ था, जिसमें बताई गई सीमाएं मौके पर नहीं मिलतीं। ड्रोन सर्वे में भी इनके निर्माण को आबादी सीमा के बाहर दर्शाया गया है।
गौचर और अन्य सरकारी भूमि पर भी कब्जे का आरोप
ज्ञापन में बताया गया कि इन प्रभावशाली लोगों ने खसरा नंबर 141 (गौचर भूमि), खसरा नंबर 135 (गैर मुमकीन रास्ता) और खसरा नंबर 119 (बारानी अव्वल भूमि) पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। ग्राम पंचायत व नगर विकास न्यास की इन भूमि पर अवैध निर्माण और तारबंदी की गई है, जिसकी शिकायत पूर्व में भी जिला जनसुनवाई में की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आरोपियों पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज
ग्रामीणों ने नारायणसिंह और उसके परिवार को आदतन अपराधी बताया और बताया कि उन पर धारा 302 सहित कई गंभीर अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जबरसिंह व अन्य मौजीज ग्रामवासियों के खिलाफ झूठे एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज करवाकर उन्हें फंसाया जा रहा है, जबकि नारायणसिंह व उनके परिवार के खिलाफ दर्ज मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
ज्ञापन में की ये मुख्य मांगें:
1. खसरा नं. 129 के दक्षिण दिशा में बने मकानों को नहीं तोड़ा जाए।
2. पट्टा संख्या 42 की भूमि का नाप कराकर अतिक्रमण स्पष्ट किया जाए।
3. खसरा नं. 135, 141 और 119 पर हुए अवैध कब्जे हटाए जाएं।
4. सीमांकन प्रक्रिया को ग्राम के मौजीज लोगों व वीडियोग्राफी की उपस्थिति में दोबारा निष्पक्ष रूप से किया जाए।
5. प्रभावशाली लोगों के विरुद्ध दर्ज मामलों में निष्पक्ष व त्वरित कार्रवाई हो।
ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्यवाही की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो वे व्यापक जनआंदोलन के लिए विवश होंगे।