in

पाली। गाँव बागोल का सरकारी स्कूल खंडहर जैसी हालत में, मासूम बच्चों की जान पर खतरा।

पाली जिले के गाँव बागोल (देसूरी) स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की हालत देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो यह स्कूल एक उपेक्षित बुढ़ी दादी की तरह हो, जिसे उसके अपने ही भूल गए हों। जिस तरह परिवार में बेटे-बेटियां, बहुएं, दामाद और नाती-पोते अपनी-अपनी जिंदगी में इतने मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें परिवार की नींव रखने वाली दादी की सुध तक नहीं रहती, उसी तरह शिक्षा विभाग और जिम्मेदार अधिकारी इस विद्यालय की ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं। इस विद्यालय में करीब 300 विद्यार्थी अध्ययनरत हैऔर 19 (शिक्षक) विद्यालय कर्मचारी है।

यह विद्यालय अब इतनी जर्जर हालत में है कि कभी भी भरभराकर गिर सकता है। बावजूद इसके, दर्जनों मासूम बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर इसी खस्ताहाल भवन में क-ख-ग सिखने को मजबूर हैं।

बारिश के मौसम मे छतो से टपकता पानी उन केल्हू वाले घरो कि याद दिला देता है जब बारिश के मौसम से पहले उन मकानो मे रहने वाले लोग प्लास्टिक के शीट ला कर उन्हें उस पर ढक देते थे कि ये हमारे परिवार को बारिश के पानी से बचा लेगा,लेकिन इस विद्यालय में पढने वाले बच्चों के लिए तो एसा सोचने कि जरूरत ही शायद कोई महसूस नही कर रहा है।

सरकार है, मंत्री हैं, शिक्षा विभाग है, अधिकारी हैं, लेकिन बगोल का यह विद्यालय शायद किसी की नजर में नहीं है। क्या हम किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं?

जरूरी है कि शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारी तुरंत संज्ञान लें, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बागोल तहसील देसूरी जिला पाली की मरम्मत करवाकर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, ताकि किसी अनहोनी से पहले ही हालात सुधर सकें।

Yashwant Raj Soni

Written by Yashwant Raj Soni

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

पाली में हरियाली तीज पर 76वां जिला स्तरीय वन महोत्सव, 2000 पौधे लगाए गए- मंत्री खर्रा ने नीम का पौधा लगा कर कि कार्यक्रम कि शुरुआत।

विधायक भाटी का धुंआधार तुफानी दौरा सुनी आमजन की पीड़ा