पाली। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए अब इलाज की सुविधा उनके घर पर ही उपलब्ध होगी। पाली जिले में राष्ट्रीय पेलिएटिव केयर कार्यक्रम के तहत राजस्थान में पहली बार “होम बेस्ड केयर” सेवा की शुरुआत की गई है। यह सेवा मेडिकल कॉलेज पाली परिसर से औपचारिक रूप से प्रारंभ की गई।
इस नवाचार की शुरुआत कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने एक विशेष वाहन को हरी झंडी दिखाकर की। इस विशेष वाहन के माध्यम से प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों की टीम ऐसे मरीजों के घर पहुंचेगी, जो अपनी गंभीर अवस्था के कारण अस्पताल आकर इलाज कराने में असमर्थ हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विकास मारवाल ने जानकारी दी कि इस सेवा के माध्यम से गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उनके घर पर ही देखभाल, चिकित्सा सहायता एवं मानसिक संबल प्रदान किया जाएगा। यह पहल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई है और पाली जिले से इसकी राज्यस्तरीय शुरुआत हुई है। अन्य जिलों में भी यह सेवा शीघ्र शुरू की जाएगी।
इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वेदान्त गर्ग, क्षय रोग अधिकारी डॉ. उजमा जबीन, पाली डेयरी चेयरमैन प्रताप सिंह बिठियां, पाली प्रधान प्रतिनिधि पुखराज पटेल, मेडिकल कॉलेज पाली के एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. अनुप सिंह गुर्जर, पीएसएम विभागाध्यक्ष डॉ. सलिल दुबे सहित अनेक वरिष्ठ चिकित्सक, फैकल्टी सदस्य और छात्र उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में शामिल प्रमुख चिकित्सकों में डॉ. प्रियंका कुमावत, डॉ. भारतेश, डॉ. अभिनव पुरोहित, डॉ. मोनिका, डॉ. रितु अग्रवाल, डॉ. रजनीश कनोजिया, डॉ. समता, डॉ. जिग्नेश, डॉ. अली, डॉ. अमित जोशी, डॉ. अदिति, डॉ. रुखशाद बानो, डॉ. अंकिता, डॉ. सुधीर जोशी, डॉ. प्रज्ञा जाखड़, डॉ. लक्ष्मीकांत, डॉ. किरण, डॉ. सुरेश चौधरी, डॉ. गीतेश परिहार, डॉ. निहारिका, डॉ. राजकुमार आदि उपस्थित रहे।
यह पहल न केवल मरीजों और उनके परिजनों के लिए राहतदायक सिद्ध होगी, बल्कि राज्य में पेलिएटिव केयर की दिशा में एक मजबूत कदम भी मानी जा रही है।