सोजत। श्रीमाली ब्राह्मण समाज की प्रतिभाओं की श्रृंखला में आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व की, जिन्होंने छात्र जीवन से लेकर न्यायिक सेवा तक का सफर सामाजिक चेतना और संगठनात्मक कुशलता से तय किया है। यह नाम है – पंकज जी त्रिवेदी एडवोकेट, जो वर्तमान में एडीजे कोर्ट, सोजत में अपर लोक अभियोजक (Additional Public Prosecutor) के पद पर कार्यरत हैं।
छात्र जीवन से समाजसेवा की ओर
14 फरवरी 1975 को जन्मे पंकज त्रिवेदी का झुकाव बचपन से ही राष्ट्रसेवा और सामाजिक सरोकारों की ओर रहा। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ जुड़कर युवाओं को संगठित करने और राष्ट्रहित के मुद्दों पर जागरूकता लाने का कार्य किया। इसके साथ ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक भी रहे, जहां अनुशासन, सादगी और सेवा भाव ने उनके व्यक्तित्व को निखारा।
राजनीतिक संगठन में ऊंचे मुकाम
त्रिवेदी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा में जिला महामंत्री, उपाध्यक्ष, संभाग प्रभारी और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए संगठन को सशक्त बनाया। उनके संगठनात्मक कौशल को देखते हुए उन्हें भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ राजस्थान के प्रदेश सह-संयोजक जैसे प्रमुख दायित्व भी सौंपे गए। इसके अलावा वे पूर्व मंडल महामंत्री सोजत, पूर्व पार्षद, तथा भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुके हैं।
न्यायिक क्षेत्र में समर्पित सेवाएं
विधि क्षेत्र में पंकज जी त्रिवेदी का योगदान उल्लेखनीय है। एक कुशल अधिवक्ता के रूप में उन्होंने विशेष रूप से जटिल मामलों में तार्किकता और न्याय की भावना के साथ कार्य किया है। समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के लिए न्याय दिलाना उनका उद्देश्य रहा है, जिससे उनकी पहचान एक संवेदनशील और निष्ठावान विधिवेत्ता के रूप में बनी है।
सादगी, संघर्ष और सेवा – उनकी पहचान
पंकज जी त्रिवेदी का जीवन सादगी, संघर्ष और सेवा का उदाहरण है। भले ही वे ऊंचे पदों पर पहुंचे हों, लेकिन आज भी वे आमजन के सुख-दुख में सहभागी बनकर एक जननायक की भूमिका निभा रहे हैं। उनके कार्य और जीवनशैली आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
पंकज जी त्रिवेदी ने यह सिद्ध किया है कि जब नीयत साफ और उद्देश्य समाज की सेवा हो, तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती। वे आज भी श्रीमाली समाज, न्यायिक सेवा और राजनीतिक क्षेत्र में प्रेरणा की मशाल जलाए हुए हैं।