नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी गई है। यह आयोग केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन संरचना में बदलाव से जुड़ी सिफारिशें तैयार करेगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग की संरचना, कार्य-अवधि और समय-सीमा को मंजूरी दे दी है। आयोग को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।”
🔹 आयोग की प्रमुख होंगी जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई
सरकार ने आयोग की अध्यक्षता के लिए जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना प्रकाश देसाई को नियुक्त किया है। उनके नेतृत्व में आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, भत्तों की समीक्षा और पेंशन संरचना को अधिक पारदर्शी और व्यवहारिक बनाने पर सुझाव देगा।
🔹 कब लागू होंगे नए वेतनमान?
सूत्रों के अनुसार, आयोग की रिपोर्ट 18 महीनों में सरकार को सौंपी जाएगी। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा सिफारिशों को मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं, जिससे देशभर के लाखों कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
🔹 क्या-क्या होंगे मुख्य बिंदु
केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कार्यरत कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी होंगे लाभार्थी।
महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्तों में भी संशोधन की संभावना।
सेवानिवृत्ति लाभ, पेंशन और ग्रेच्युटी में सुधार के सुझाव शामिल होंगे।
आयोग वेतन संरचना को निजी क्षेत्र के समान प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम करेगा।
🔹 कर्मचारियों में खुशी की लहर
8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कई संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि यह कदम कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा तथा लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करेगा।
पिछले वेतन आयोग का संदर्भ
इससे पहले 7वां वेतन आयोग वर्ष 2016 में लागू किया गया था, जिसने सरकारी कर्मचारियों के बेसिक पे और भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि की थी। अब 8वां वेतन आयोग उस संरचना को और आधुनिक और संतुलित बनाने की दिशा में काम करेगा।
मोदी सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा, बल्कि इससे देश की आर्थिक गतिविधियों में भी नई ऊर्जा का संचार होगा। सरकार का कहना है कि यह निर्णय “सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन” की दिशा में एक और बड़ा कद है।

