भारत अमेरिका व्यापार संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय रुपये ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया पहली बार 88 के स्तर को पार कर गया।
अमेरिकी आयात शुल्क में बढ़ोतरी, विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार पूंजी की निकासी, और महीने के अंत में डॉलर की बढ़ती मांग जैसे कई कारणों से रुपये में भारी गिरावट देखने को मिली।
कारोबार के अंत में, रुपया 51 पैसे टूटकर 88.09 प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ।
इस गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि इससे आयात महंगा हो सकता है और व्यापार घाटा बढ़ सकता है।


