🚨 PCR (Police Control Room) रिपोर्ट, जिसे आमतौर पर इंद्राज रिपोर्ट या रोजनामचा रिपोर्ट भी कहा जाता है, वह रिपोर्ट होती है जो तब तैयार की जाती है जब किसी घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल या सूचना के माध्यम से मिलती है। जैसे ही पुलिस को कोई सूचना मिलती है (जैसे दुर्घटना, चोरी, झगड़ा, संदिग्ध गतिविधि आदि), वह कंट्रोल रूम में दर्ज की जाती है और फिर संबंधित थाने में रोजनामचा नंबर या इंद्राज नंबर के साथ रिकॉर्ड की जाती है…
📌 यह रिपोर्ट कई बार आम जनता के लिए बेहद जरूरी बन जाती है, जैसे…
1️⃣ दुर्घटना या वाहन चोरी की स्थिति में: अगर किसी का वाहन चोरी हो जाता है या दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, तो इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी जाती है। उस सूचना पर आधारित इंद्राज रिपोर्ट बाद में बीमा क्लेम या FIR प्रक्रिया में सहायक होती है…
2️⃣ बीमा (Insurance) क्लेम के लिए: वाहन बीमा, मोबाइल या कीमती सामान का बीमा क्लेम करते वक्त कंपनियां यह प्रमाण मांगती हैं कि पुलिस को समय पर सूचना दी गई थी। यह #PCR रिपोर्ट उस प्रमाण का काम करती है…
3️⃣ बैंक लोन या फायनेंशियल क्लेम के लिए: कई बार बैंक या वित्तीय संस्थान भी वाहन चोरी या एक्सीडेंट से जुड़ी स्थिति में यह रिपोर्ट मांगते हैं ताकि वे तय कर सकें कि क्लेम वाजिब है या नहीं…
4️⃣ न्यायिक प्रक्रिया में: अदालत में कोई केस दायर करने के लिए भी यह रिपोर्ट प्रारंभिक सूचना के रूप में प्रस्तुत की जाती है ताकि यह साबित किया जा सके कि घटना की सूचना तत्काल दी गई थी…
5️⃣ सामाजिक या निजी विवाद में प्रमाण के तौर पर: जब कोई घटना मोहल्ले, कार्यालय या किसी सार्वजनिक स्थान पर होती है और उसके बारे में पुलिस को सूचना दी जाती है, तो उसकी इंद्राज रिपोर्ट बाद में कानूनी सबूत बन सकती है…
📄 कैसे प्राप्त करें PCR रिपोर्ट… ?
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) ( RTI ) एक्ट के तहत् PCR रिपोर्ट की जानकारी मांगी जा सकती है…
📢 नोट: PCR रिपोर्ट कोई FIR नहीं होती, बल्कि यह एक प्रारंभिक सूचना की दस्तावेजी पुष्टि होती है। लेकिन यही दस्तावेज कई बार FIR दर्ज करने की नींव भी बनता है…
🙏 जागरूक रहें, अधिकारों को जानें, और सही समय पर सही दस्तावेज प्राप्त भी करें…