पाली।”कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर” — इस सूत्रवाक्य को साकार कर दिखाया पाली जिले के प्रतिभावान विद्यार्थियों ने, जिन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की मई 2025 में आयोजित फाइनल, इंटरमीडिएट और फाउंडेशन परीक्षाओं में सफलता हासिल की है। परीक्षा परिणामों के बाद पाली शहर में खुशी की लहर दौड़ गई। परिजनों और शुभचिंतकों ने मिठाई खिलाकर नव-निर्मित सीए को शुभकामनाएं दीं।
भूपेश जैन: नौकरी के साथ पढ़ाई कर बने सीए
पाली के नया हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र निवासी भूपेश जैन ने बैंक की नौकरी करते हुए सीए की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने बताया कि उनकी मां मणीमाला हाउसवाइफ हैं, जबकि पिता जम्बू कुमार जैन एक फैक्ट्री में मुनीम हैं। भाई गौरव इंजीनियर हैं। भूपेश ने पाली के बांगड़ कॉलेज से बी.कॉम किया और वर्तमान में बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत हैं। प्रतिदिन 5-6 घंटे पढ़ाई कर वे इस सफलता तक पहुंचे। आगे भी वे बैंकिंग सेक्टर में ही करियर बनाना चाहते हैं।
गौरव लड्ढा: अब एमबीए की तैयारी में जुटे
शिवाजी नगर निवासी गौरव लड्ढा ने सीए बनने के बाद बताया कि उनका अगला लक्ष्य एमबीए करना है और फिर किसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करना है। पिता राजेश लड्ढा और भाई आयुष इंजीनियर हैं, मां विनिता गृहिणी हैं। उन्होंने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से बीकॉम किया। गौरव की दिनचर्या में प्रतिदिन 5-6 घंटे की पढ़ाई शामिल रही।
रिषिता बिड़ला: दूसरे प्रयास में मिली सफलता
सूरत निवासी रिषिता बिड़ला, जिनका ननिहाल पाली में तेजपाल लड्ढा के यहां है, ने दूसरे प्रयास में सीए परीक्षा पास की। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से 5-6 घंटे पढ़ाई करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। पिता नंदकिशोर बिड़ला ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हैं और मां राखी हाउसवाइफ हैं। रिषिता का लक्ष्य बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाना है।
भरत छाजेड़: मुंबई में की पढ़ाई, पाली से रिश्ता अटूट
पाली के सोजतिया का बास निवासी भरत छाजेड़ ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से बीकॉम किया। 8वीं तक पाली के सेंटपॉल स्कूल में और 9वीं से 12वीं तक नागौर के एल.के. सिंघानिया स्कूल में पढ़ाई की। भरत ने बताया कि उनके पिता कुशल छाजेड़ प्रॉपर्टी डीलर हैं और मां झनकार देवी गृहिणी हैं। दो बहनों में लवीना फैशन डिजाइनर हैं जबकि जिनल पढ़ाई कर रही हैं। भरत फिलहाल कुछ समय फाइनेंस सेक्टर में नौकरी कर अनुभव लेना चाहते हैं।
पाली का नाम किया रोशन
पाली के इन युवाओं ने यह सिद्ध कर दिया कि निरंतर प्रयास, अनुशासन और आत्मविश्वास से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। ये सभी विद्यार्थी आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।