नाडोल।, 26 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकवादी हमले के विरोध में शुक्रवार को नाडोल शहर के मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर शांति जुलूस निकाला और शहीद हुए पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
नमाज़-ए-जुमा के बाद शहर की जामा मस्जिद से सैकड़ों मुस्लिम समाजबंधु विरोध स्वरूप काली पट्टी बाँध कर शांतिपूर्ण जुलूस के रूप में रवाना हुए। जुलूस कस्बे के प्रमुख मार्गों से होते हुए बस स्टैंड पहुँचा, जहाँ सभी ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर मौलाना इशा अशरफी, रहिमबख्श, अयान भाई, सुलेमान खाँ, समन्दर खाँ, सरदार खाँ जोया, दिलदार, नासिर मोहम्मद, जाकिर मोहम्मद रानी, फकीर खाँ, सदीक मोहम्मद किशनपुरा सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
इस मोके पर मौलाना इशा अशरफी ने कहा कि निर्दोषों का खून बहाना मानवता के विरुद्ध सबसे बड़ा अपराध है। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा की और देश में शांति, सौहार्द तथा भाईचारे को मजबूत बनाए रखने का आह्वान किया।
शहरवासियों ने मुस्लिम समाज की इस एकजुटता और मानवता के प्रति उनके इस संदेश का स्वागत किया।