नयी दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंपा।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा,
“सेहत को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह को मानते हुए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अंतर्गत उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात रही कि मैंने भारत की तेज़ आर्थिक प्रगति और परिवर्तनशील दौर में सेवा का अवसर पाया। मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं, जिनका स्नेह और सहयोग मुझे हमेशा स्मरण रहेगा।”
पिछले महीने अचानक तबीयत बिगड़ी
25 जून को उत्तराखंड के नैनीताल में एक कार्यक्रम के बाद धनखड़ की तबीयत बिगड़ गई थी। कुमाऊं यूनिवर्सिटी के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के बाद उनके सीने में तेज़ दर्द उठा। उन्हें तुरंत नैनीताल राजभवन ले जाकर चिकित्सकीय सहायता दी गई। इस घटना के बाद से ही उनकी तबीयत चिंता का विषय बनी हुई थी।
राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन
जन्म: 18 मई 1951, झुंझुनू, राजस्थान
शिक्षा: सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़, राजस्थान यूनिवर्सिटी से LLB
राजनीति में प्रवेश: 1989 में झुंझुनू से लोकसभा सांसद चुने गए
केंद्रीय मंत्री: वीपी सिंह व चंद्रशेखर सरकार में मंत्री पद पर रहे
राज्यपाल: 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त
उपराष्ट्रपति पद: 6 अगस्त 2022 को 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
चुनाव में 528 वोट पाकर विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराया था
भावुक विदाई
धनखड़ ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से मिले सहयोग की सराहना करते हुए लिखा कि “प्रधानमंत्री से मैंने बहुत कुछ सीखा है”। उन्होंने इसे “भारतीय लोकतंत्र में सबसे मूल्यवान अनुभव” बताया।
अब आगे क्या?
अब नए उपराष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भारत के उपराष्ट्रपति का पद राज्यसभा के सभापति के तौर पर भी अहम भूमिका निभाता है, ऐसे में ये इस्तीफा संसदीय कार्यों पर तत्काल प्रभाव डाल सकता है।