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बड़ी खबर: राजस्थान में महंगे होंगे चुनाई पत्थर, बजरी और अन्य मिनरल — रॉयल्टी दरों में 10 से 30% तक की बढ़ोतरी

जयपुर। राजस्थान में अब घर बनाना और निर्माण कार्य कराना महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि सरकार ने चुनाई पत्थर, बजरी सहित अन्य माइनर मिनरल्स (अप्रधान खनिज) की रॉयल्टी दरों में बड़ा इजाफा कर दिया है। प्रदेश सरकार ने रॉयल्टी दरों में 10 से 30 फीसदी तक की वृद्धि की है, जिससे खनिज पदार्थों की कीमतों में सीधा असर देखने को मिलेगा।

क्या है मामला?

राजस्थान सरकार ने हाल ही में माइनर मिनरल्स पर लगने वाली रॉयल्टी दरों को संशोधित करते हुए नई दरें लागू की हैं। इस बदलाव के तहत चुनाई पत्थर, बजरी, मिट्टी, मोरम, बालू, ग्रिट, स्लेट, मार्बल व अन्य खनिजों की खुदाई पर कंपनियों और ठेकेदारों को अब पहले से ज्यादा रॉयल्टी चुकानी होगी।

🔺 कितनी बढ़ी रॉयल्टी?

सूत्रों के मुताबिक, रॉयल्टी में यह बढ़ोतरी खनिज विशेष के आधार पर अलग-अलग है। कुछ खनिजों पर 10 प्रतिशत, तो कुछ पर 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। उदाहरण के तौर पर:

बजरी पर रॉयल्टी में 20% बढ़ोतरी

चुनाई पत्थर पर रॉयल्टी में 25% बढ़ोतरी

मार्बल स्लरी और मोरम पर 10-15% की वृद्धि

अन्य माइनर मिनरल्स पर 20-30% तक की वृद्धि

📉 आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?

इस फैसले का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। निर्माण सामग्री महंगी होने से मकान, दुकान और अन्य भवन निर्माण की लागत बढ़ेगी। ठेकेदारों और बिल्डर्स का कहना है कि रॉयल्टी बढ़ने से ट्रक भाड़ा और खुदाई खर्च बढ़ेगा, जिसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स में नाराजगी

खनिज कारोबार से जुड़े व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट यूनियन ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पहले ही ट्रांसपोर्ट लागत और डीजल की कीमतें बढ़ी हुई हैं, ऐसे में रॉयल्टी बढ़ाने से व्यवसाय करना और कठिन हो जाएगा।

सरकार का पक्ष

राज्य सरकार का तर्क है कि यह बढ़ोतरी लंबे समय बाद की गई है और इससे मिलने वाला अतिरिक्त राजस्व प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास, सड़क निर्माण और पर्यावरण संरक्षण में उपयोग किया जाएगा। खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला राज्य की आय बढ़ाने और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए जरूरी था।

राजस्थान में माइनर मिनरल्स की रॉयल्टी दरों में हुई यह बढ़ोतरी निर्माण कार्यों की लागत को बढ़ाने वाली है। आम आदमी से लेकर बड़े बिल्डर तक इस बदलाव से प्रभावित होंगे। अब देखना होगा कि सरकार विरोध और बढ़ते दबाव के बीच इस निर्णय पर पुनर्विचार करती है या नहीं।

Rj22 news

Written by Rj22 news

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