मुम्बई।महिला क्रिकेट के इतिहास में रविवार, 2 नवंबर 2025 का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने पहली बार महिला वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर विश्व क्रिकेट में नया इतिहास रच दिया। भारत ने फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप अपने नाम किया।

भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाए। जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर ऑलआउट हो गई।

शैफाली वर्मा को शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच और दीप्ति शर्मा को उनके पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन ऑलराउंड खेल के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
बीसीसीआई ने किया ऐतिहासिक ऐलान
खिताब जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने महिला खिलाड़ियों के लिए इतिहास रचते हुए 51 करोड़ रुपये के नकद इनाम की घोषणा की। यह राशि आईसीसी से मिली प्राइज मनी से 12 करोड़ रुपये ज्यादा है।

बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा –
“1983 में कपिल देव की टीम ने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी थी, वही हौसला आज भारतीय महिलाओं ने दिखाया है। हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने न केवल ट्रॉफी जीती है बल्कि पूरे देश का दिल जीत लिया है। महिला क्रिकेट अब अपने नए युग में प्रवेश कर चुका है।”
सैकिया ने आगे कहा कि जय शाह के कार्यकाल में महिला क्रिकेट में कई बड़े बदलाव हुए..

पुरुषों और महिलाओं की मैच फीस बराबर की गई।
आईसीसी प्राइज मनी में 300% की बढ़ोतरी की गई (2.88 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 14 मिलियन डॉलर)।
इन सुधारों ने महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
हौसले की मिसालें बनीं खिलाड़ी..
इस जीत ने पूरे देश को भावुक कर दिया।
टीम की सदस्य प्रतिका रावल, जिनकी टांग टूटी हुई है, उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर टीम के साथ जश्न मनाया — “टांग टूटी है, हौसला नहीं” कहकर उन्होंने करोड़ों भारतीयों को प्रेरित किया।
वहीं जो लोग कभी दीप्ति शर्मा को क्रिकेट छोड़कर “डॉक्टर या इंजीनियर” बनने की सलाह देते थे, अब वही खुद को उनका पड़ोसी बताने में गर्व महसूस कर रहे हैं।
नया युग, नई पहचान
इस जीत ने साबित कर दिया है कि क्रिकेट अब सिर्फ “मर्दों का खेल” नहीं रहा।
अब महिला क्रिकेटरों की पहचान उनकी सुंदरता से नहीं, बल्कि उनके खेल और जज्बे से होगी।
विश्व चैंपियन बनने के साथ भारत में महिला क्रिकेट का नया स्वर्ण युग शुरू हो गया है।


