बाड़मेर, 26 अप्रैल। जिले के इंद्रोई गांव के रहने वाले 25 वर्षीय शैतान सिंह की शादी पाकिस्तान के अमरकोट में तय थी, लेकिन हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के चलते सीमा बंद कर दी गई। इसके कारण शैतान सिंह और उनका परिवार वाघा-अटारी बॉर्डर से वापस लौटने को मजबूर हो गया।
शैतान सिंह की सगाई चार साल पहले अमरकोट की केसर कंवर (21) से हुई थी। बीते तीन सालों से वीजा मिलने के प्रयास किए जा रहे थे, जो इस साल 18 फरवरी को सफल हुए। वीजा मिलने के बाद शैतान सिंह अपने पिता और भाई के साथ 23 अप्रैल को अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हुए थे। लेकिन 24 अप्रैल को बॉर्डर बंद हो गया।
वीजा 12 मई तक मान्य, बची है थोड़ी उम्मीद
शैतान सिंह का वीजा 12 मई तक वैध है। परिवार को अब भी उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे और शादी हो सकेगी। फिलहाल उनके परिवार में मायूसी का माहौल है, लेकिन वे सरकार के फैसले का सम्मान कर रहे हैं।
दूल्हे का बयान: आतंकियों की करतूत गलत, सरकार का निर्णय सही
शैतान सिंह ने कहा, “आतंकवादियों ने गलत किया है। मेरी शादी रुक गई, लेकिन जो निर्णय भारत सरकार ने लिया है वह सही है। हम सरकार के साथ हैं।”

उनके चचेरे भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से भी उनके कई रिश्तेदार आए हुए थे। परिवार इस अचानक आई रुकावट से काफी हताश है। सुरेंद्र सिंह ने कहा, “आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान रिश्तों का होता है।”
सीमा के दोनों ओर रिश्तेदारी
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सोढ़ा राजपूत समुदाय की बड़ी आबादी है। ये गोत्र परंपरा का पालन करते हैं और पारंपरिक रिश्ते सरहद के दोनों ओर कायम हैं। शैतान सिंह की शादी भी इसी सांस्कृतिक परंपरा के तहत तय हुई थी।


