राज्य सरकार द्वारा विवाहों में होने वाले अनावश्यक खर्च को रोकने और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना-2021 संचालित की जा रही है।
इस योजना के तहत सामूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसमें प्रति जोड़े कुल 25 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है — जिसमें से संस्था को 4 हजार रुपये और वधू को 21 हजार रुपये दिए जाते हैं।
महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक भागीरथ चौधरी ने बताया कि योजना के तहत सामूहिक विवाह का अर्थ एक ही स्थान पर एक ही समय में कम से कम 10 और अधिकतम 500 जोड़ों के विवाह से है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आयोजक संस्था को विवाह आयोजन से कम से कम 15 दिन पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है। ऑफलाइन आवेदन मान्य नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि आवेदन प्रक्रिया राजस्थान सिंगल साइन ऑन (SSO) पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है।
संस्था को पहले पोर्टल पर संस्था आधार नंबर से साइन अप करना होगा, तत्पश्चात “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021” एप्लिकेशन में जाकर आवश्यक विवरण जैसे विवाह की तिथि, स्थान, पुलिस व अग्निशमन एनओसी, तथा वर-वधुओं की जानकारी भरनी होगी।
आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं —
जन आधार कार्ड (राजस्थान निवासी वधू के परिवार का अनिवार्य),
बैंक खाता पासबुक की प्रति,
आयु प्रमाण (10वीं मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र),
फोटो पहचान पत्र (आधार/मतदाता पहचान/ड्राइविंग लाइसेंस),
मूल निवास प्रमाण पत्र (वर या वधू में से किसी एक का राजस्थान राज्य का)।
अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए आयोजन के 60 दिनों के भीतर संस्था को सभी जोड़ों के विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विभाग द्वारा पिछले वर्ष 215 जोड़ों और 14 संस्थाओं को अनुदान राशि प्रदान की गई थी, वहीं इस वर्ष 63 जोड़ों व 4 संस्थाओं के भुगतान की प्रक्रिया जारी है।
योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक संस्थाएं महिला अधिकारिता विभाग के जिला कार्यालय, पाली में संपर्क कर सकती हैं।

