जयपुर/भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पति ने मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया-लिखाया और उसे सरकारी नौकरी दिलाई, लेकिन नौकरी लगते ही पत्नी ने सारे रिश्ते नकार दिए और पति से कहा – “आप कौन जी?”
यह मामला अब अपर जिला न्यायाधीश और जिला कलक्टर तक पहुंच गया है। पीड़ित अनूप कुमार पुत्र मोतीलाल जाटव, निवासी भुसावर ने बताया कि उसका विवाह वर्ष 2021 में नगला हवेली निवासी युवती पंकज कुमारी से साधारण रीति-रिवाज से हुआ था।
पत्नी को पढ़ाया, कोचिंग दिलाई, अब दुत्कार
शादी के बाद अनूप ने मजदूरी करके पत्नी की पढ़ाई का खर्च उठाया, कोचिंग करवाई और हर तरह से सहयोग किया। वर्ष 2023 में जब पंकज कुमारी की सरकारी शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई तो उसके व्यवहार में बदलाव आ गया। वह न केवल पति बल्कि सास-ससुर से भी अभद्रता करने लगी।
अनूप का आरोप है कि अब पत्नी न सिर्फ उसके साथ रहने से इंकार कर रही है, बल्कि अपने करियर में उसके सहयोग को भी नकार रही है। वह ट्यूशन से भी अच्छी आमदनी कर रही है, फिर भी पति को कोई महत्व नहीं दे रही।
अविवाहित बताकर नौकरी पक्की की?
अनूप कुमार ने जिला कलक्टर को दिए पत्र में यह भी आरोप लगाया कि उसकी पत्नी ने शिक्षक भर्ती (रीट लेवल-1, 2023) में दस्तावेज सत्यापन के समय खुद को अविवाहित घोषित कर फॉर्म में गलत जानकारी दी।
पत्नी का पक्ष: “मैं बालिग होने पर उससे नहीं की शादी”
वहीं पत्नी पंकज कुमारी का कहना है कि जब वह नाबालिग थी, तब उसका बाल विवाह हुआ था, जो उसे याद भी नहीं है। उसका दावा है कि अनूप ने फर्जी विवाह प्रमाण पत्र बनवाकर शादी का दावा किया है।
वरमाला या सिर्फ रस्म अदायगी?
विवाह की तस्वीरों में वरमाला की रस्म जरूर नजर आती है, लेकिन पत्नी का कहना है कि वह केवल रस्म अदायगी थी, जिसे अब वह नहीं मानती।
अब यह मामला पूरी तरह कानूनी दांव-पेंच में उलझ गया है। जहां एक ओर पति न्याय की गुहार लगा रहा है, वहीं पत्नी विवाह को नकारते हुए इसे अवैध बता रही है।
अब आगे क्या?
पीड़ित ने जिला कलक्टर से जांच की मांग की है।
मामला अपर जिला न्यायाधीश की अदालत में भी चल रहा है।
यदि फर्जी दस्तावेजों के आरोप साबित होते हैं तो सरकारी नौकरी पर भी खतरा मंडरा सकता है।
यह मामला समाज में बढ़ते महत्वाकांक्षाओं और रिश्तों के बदलते स्वरूप को उजागर करता है – जहां त्याग और समर्पण के बदले में विश्वासघात की तस्वीर सामने आती है।