जोधपुर। राजस्थान का दूसरा अक्षरधाम मंदिर अब अपने अंतिम चरण में है और 25 सितंबर को इसका भव्य उद्घाटन होगा। सूरसागर क्षेत्र में काली बेरी के पास पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षरधाम पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था द्वारा कराया जा रहा है। जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधिच रविवार को पाली पहुंचे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को उद्घाटन समारोह का आमंत्रण दिया। इस दौरान मंदिर के पोस्टर और बुकलेट का विमोचन भी किया गया।

1 लाख लोगों के एक साथ भोजन की सुविधा
मंदिर परिसर में ऐसी विशेष व्यवस्था की गई है कि एक समय में 1 लाख लोग एक साथ बैठकर भोजन कर सकेंगे। इसके लिए दो बड़े सभागार बनाए गए हैं, जिनमें से एक हॉल में 3 हजार लोग कुर्सियों पर आराम से बैठ सकते हैं। 25 सितंबर के उद्घाटन में 4 से 5 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
42 बीघा में फैला परिसर, 8 साल में हुआ निर्माण
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 42 बीघा क्षेत्र में किया गया है, जिसमें 10 बीघा में मुख्य मंदिर स्थित है। यह परिसर आधार भूमि से 13 फीट ऊंचा है। मंदिर की चारों ओर की दीवारें जोधपुरी छीतर पत्थर से बनी हैं, जिन पर बारीक नक्काशी की गई है। नगर निगम ने इस परियोजना के लिए 46 बीघा जमीन उपलब्ध कराई थी। निर्माण कार्य 8 साल पहले शुरू हुआ था, जिसमें रोजाना 350 कारीगर कार्यरत रहे। पूरे मंदिर में जोधपुरी पत्थर का ही इस्तेमाल हुआ है।
विशेष वास्तुकला और अनूठे स्तंभ
मंदिर का निर्माण नागराड़ी शैली में किया गया है, जिसमें मारू-गुर्जर और रणकपुर शैली का भी समावेश है। निचली मंजिल में लिंकर्णी भगवान की मूर्ति स्थापित होगी। गर्भगृह की छत पर कोई स्तंभ नहीं है, जो इसकी विशेषता है। मंदिर में कुल 281 गोलाकार स्तंभ हैं, जो सिरोही घाट शैली के अनुसार बनाए गए हैं। ये नीचे से चौड़े और ऊपर से संकरे हैं, जबकि अन्य अक्षरधाम मंदिरों में स्तंभ सामान्यतः वर्गाकार होते हैं।
माप और भव्यता
मंदिर की कुल लंबाई 181 फीट और ऊंचाई 91 फीट है। इसकी तीसरी मंजिल रणकपुर शैली में निर्मित है, जो इसे और अधिक भव्य रूप प्रदान करती है। उद्घाटन समारोह में देशभर से श्रद्धालुओं और संत-महात्माओं के आने की संभावना है।


